Green House Effect in Hindi: यहा हमने आपसे ग्रीनहाउस प्रभाव – Green House Effect क्या है एवम उसके फायदे और नुकशान क्या है उसके संदर्भ मे जानकारी आपसे शेयर की है|
- Green House Effect in Hindi
- FAQ – Green House Effect in Hindi
Green House Effect in Hindi
क्या आप जानते है की ग्रीनहाउस प्रभाव – Green House Effect क्या है? अगर आप नहीं जानते की ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है उसके फायदे एवम नुकसान के विषय मे विस्तार से आपसे चर्चा की है| बहुत जगह जैसे की स्पर्धात्मक परीक्षाओ, निबंध लेखन की परीक्षाओ मे, ग्रीन हाउस के विषय मे बहुत समय प्रश्न पुछे जाते है| यहा ग्रीन हाउस के विषय मे दिया गया लेख आपको निबंध लेखन और अन्य स्पर्धात्मक परीक्षाओ मे काफी उपयोगी होगा|
What is Green House Effect in Hindi? – ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है?
“ग्रीनहाउस प्रभाव जिसे अन्य नाम हरितगृह प्रभाव से भी जाना जाता है| यह पृथ्वी पर वातावरण को गर्म रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण घटना है| यह घटना पृथ्वी के वातावरण मे स्थित वायुओ जैसे की कार्बन डाई आक्साइड, जल-वाष्प, मिथेन इत्यादि के कारण संभव बनती है| यह प्रक्रिया पृथ्वी को रहने के लिए योग्य बनाती है|”
पृथ्वी के वातावरण में कई तरह के वायु है| उनमे से कुछ वायु ऐसे है जिन्हें हम ग्रीन हाउस वायु के नाम से पहचानते है जैसे की कार्बन डाई आक्साइड, जल-वाष्प, मिथेन इत्यादि(अधिक निचे दीए है)| यह सभी वायु हमारे वातावरण के लिए एक श्रृंगार का कार्य करती है| जब भी सूर्य प्रकाश से गर्मी पृथ्वी पर आती है तब इन्ही वायु क्वे माध्यम से यह गर्मी पृथ्वी के वातावरण में रह जाती है| अगर यह वायु वातावरण में स्थित न हो तब सूर्य की सभी गर्मी पृथ्वी की सतह से टकराकर वापिस चली जाती और पृथ्वी का वातावरण ” -18°C” हो जाता जो की रहने के लिए पृथ्वी पर जीवन के विकास के लिए काफी असंभव बनाता| यहाँ निचे हमने ग्रीन हाउस कैसे कार्य करता है उस पर विस्तृत से जानकारी दी है| ग्रीन हाउस पर अधिक जानकारी के लिए उसे अवश्य पढ़े|
How does Green House Effect work? – Know in Hindi
ग्रीन हाउस की प्रक्रिया को पूर्ण रूप से समजने के लिए पहले निचे दी गयी इमेज को अच्छे से समजे|
सूर्य की और से पृथ्वी पर आने वाला प्रकाश लगभग 31 प्रतिशत पुनः परवर्तित होकर स्पेस में वापस चला जाता है , उसका 20 प्रतिशत हिस्सा वातावरण के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और बाकी का हिस्सा समुद्र एवम पृथ्वी की सतह पर मौजूद वायुओ के द्वारा अवशोषित किया जाता है| जो की ऊष्मा के रूप में परावर्तित किया जाता है|
ऊपर दी गयी आकृति के माध्यम से हम समज सकते है की जब भी पृथ्वी के वातावरण में सूर्य का प्रकाश आता है तब कार्बन डाई आक्साइड, जल-वाष्प, मिथेन इत्यादि वायुओ के द्वारा उसका प्रकाश अवशोषित किया जाता है और और बाकी का अन्य प्रकाश स्पेस में वापिस चला जाता है| नियमित और अनुकूल स्थिति में ग्रीन हाउस गैस का प्रमाण होने की वजह से पृथ्वी का वातावरण अनुकूल गर्म होता है जो की पृथ्वी की सतह को रहने के लिए योग्य बनाता है|
लेकिन ऊपर दिए गए इमेज के दुसरे हिस्से में आसानी से देखा जा सकता है की जब मनुष्य के किसी भी कार्य की वजह से ग्रीन हाउस गैस का प्रमाण बढ़ जाता है तब परावर्तित होने वाली ऊष्मा में कमी आती है और अधिक ऊष्मा पृथ्वी की सतह और वातावरण में स्थित रहती है जो की बाद में पृथ्वी का तापमान भी बढ़ाती है| अधिक गैस अधि ऊष्मा को अवशोषित करती है जिससे तापमान बढ़ता है|
Green House Gas in Hindi – ग्रीन हाउस वायुओ
यहा निचे हमने आपसे ग्रीन हाउस प्रभाव में कार्य करने वाले ग्रीन हाउस वायुओ की विस्तार से जानकारी दी है| यह सभी वायु पृथ्वी के वातावरण में स्थित रहते है और सूर्य की ऊष्मा को अवशोषित करते है| जिनके कारण पृथ्वी का वातावरण हमारे रहने के लायक बनता है|
Green House Gas Name in Hindi | वैज्ञानिक नाम – कार्बनिक नाम |
---|---|
नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) | N2O |
मेथेन | CH4 |
कार्बनडाई ऑक्साइड | CO2 |
भाप (Water vapor) | H2O |
Chlorofluorocarbons | CFCs |
ओज़ोन | O3 |
नाइट्रस ऑक्साइड – ग्रीन हाउस वायु
यह नाइट्रोजन साइकिल का एक नेचरल हिस्सा है| इसे बेक्टेरिया जो की जमीन में रहते है एवम समुद्र के द्वारा बनाया जाता है| इसे कुछ विशेष प्रकार की फैक्ट्री, पॉवरप्लांट्स, और प्लांट फ़र्टिलाइज़र के द्वारा भी छोड़ा जाता है| इसके द्वारा पृथ्वी के सुरक्षा कवच माने जाने वाले ओजोन के लेयर को नुकशान होता है| यह एक पॉवरफुल ग्रीन हाउस गैस है|
मीथेन – ग्रीन हाउस वायु
यह कार्बन एवम हाइड्रोजन से बनता है| यह सामान्य गैस आर्द्रभूमि, चावल उगाना, मवेशी पालना, प्राकृतिक गैस का उपयोग करना, और कोयला खनन से उत्पन्न होता है| यह काफी अच्छे प्रमाण में ऊष्मा को संगृहीत करता है| मनुष्य के द्वारा उत्पन्न किया जाने वाले और ग्लोबल वार्मिंग में असर करने वाला दूसरा सबसे मुख्य ग्रीन हाउस गैस है|
भाप – ग्रीन हाउस वायु
यह पानी का वायु स्वरुप है| वातावरण में यह काफी प्रमाण में मिलता है| यह फिरसे पानी स्वरुप में आकर बारिश बनकर पृथ्वी की सतह पर आ सकता है| यह सूर्य की ऊष्मा को वापस स्पेस में जाने से रोकता है| जिसके कारण पृथ्वी का वातावरण अधिक गर्म होता है|
कार्बन डाइऑक्साइड – ग्रीन हाउस वायु
यह कार्बन और ऑक्सीजन से बनता है| यह हमारे आसपास अधिक प्रमाण में मिलता है| यह सड़ने वाले और जीवित जीवों और ज्वालामुखियों से आता है| कोयले और तेल जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाने पर CO2 निकलता है। मानव जनित ग्लोबल वार्मिंग में इसका सबसे महत्वपूर्ण योगदान है
क्लोरो फ्लोरो कार्बन – ग्रीन हाउस वायु
यह नेचर में नहीं बनता है| यह इतना शक्तिशाली है की ओजोन लेयर को बहुत ही नुकशान पंहुचा सकता है|
ओजोन – ग्रीन हाउस वायु
यह सूर्य के रेडिएशन से हमें राहत प्रदान करता है| यह पृथ्वी के वातावरण में एक लेयर की तरह है| अगर यह पृथ्वी की सतह से नजदीक आ जाए तब एक ग्रीन हाउस गैस की तरह भी कार्य करता है| यह कार और फेक्टरी के द्वारा बनता है|
ग्रीन हाउस को समजने के लिए उसे दो भागो में विभाजित किया जा सकता है| कुदरती ग्रीन हाउस प्रभाव और मानव निर्मित ग्रीन हाउस प्रभाव. कुदरती ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी की सतह को रहने के योग्य बनाता है लेकिन मानव निर्मित ग्रीन हाउस असर पृथ्वी की सतह को अधिक गर्म बनाता है जिससे यहा का तापमान दिन प्रतिदिन अधिक बढ़ता जा रहा है| यहाँ निचे हमने मानव निर्मित ग्रीन हाउस प्रबाव की विस्तृत जानकारी आपसे दी है जिसमे उसके मुख्य कारण के बारे में भी आपसे चर्चा की है|
मानवजनित ग्रीनहाउस गैसों के मुख्य स्रोत
ग्रीन हाउस गैस भाप (Water vapor), कार्बनडाई ऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide), ओज़ोन, Chlorofluorocarbons, यह सभी ग्रीन हाउस के लिए जवाबदार है लेकिन मनुष्य के कुछ विशेष कार्यो की वजह से इन गैस में वृद्धि होती है| और इनमे वृद्धि होने के कारण मानवजनित ग्रीनहाउस प्रभाव होता है जो की ग्लोबल वार्मिं को लीड करता है| यहाँ निचे हमने ग्रीनहाउस गैसों के कुछ मुख्य स्रोत के बारे में जानकारी दी है|
- जीवाश्म ईंधन जलाना
- कृषि, वानिकी, और अन्य भूमि उपयोग
- सीमेंट का उत्पादन
- एयरोसोल
ऊपर दिए गए सभी मानवजनित ग्रीनहाउस गैसों के प्रमुख स्रोत है|
ग्रीन हाउस गैस के अधिक प्रमाण से क्या असर पड़ता है?
ग्रीन हाउस के वायुओ का प्रमाण बढ़ने से पर्यावरण के साथ हमारे हेल्थ को भी नुकशान होता है| अधिक वायु अधिक ऊष्मा को संगृहीत करता है जिससे तापमान में वृद्धि होती है और क्लाइमेट में बदलाव आता है| यह ग्लोबल वार्मिंग को भी लीड करता है| स्वास्थ्य में भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे की स्मॉग और वायु प्रदूषण से सांस की बीमारी हो सकती है| मौसम में अनियमितता, खाद्य आपूर्ति में व्यवधान, और जंगल की आग में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन जैसे कई प्रभाव ग्रीनहाउस गैसों के कारण होने वाले प्रभाव हैं।
FAQ – Green House Effect in Hindi
यहाँ हमने आपसे ग्रीन हाउस के प्रभाव के बारे में कुछ प्रश्नों एवम उसके उत्तर आपसे शेयर किया है| अगर आपको नीच दिए गए प्रश्नों के अलावा कोई और प्रश्न है तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है|
नही ऑक्सीजन सीधे तौर पर ग्रीन हाउस प्रभाव को नहीं पैदा करती है| लेकिन वह कार्बन के साथ मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन के साथ पानी की भाप बनाती है| कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन दोनों ग्रीन हाउस गैस है| जो की ग्रीन हाउस प्रभाव को पैदा करती है|
ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण क्लाइमेट चेंज जैसी घटना हो रही है| जिससे पृथिवी का तापमान बढ़ रहा है| तापमान बढ़ने के कारण बर्फ पिगल रही है| पिघला हुआ पानी नदी के माध्यम से समुद्र की और जाता है जो को समुद्र के जल स्तर को बढाता है|
कुछ अंशो में ग्रीन हाउस प्रभाव पृथ्वी के लिए अच्छा है लेकिन अगर उसका प्रमाण बढ़ जाए तो यह पृथ्वी पर तापमान में वृद्धि कर सकता है और वातावरण में नए बदलाव ला सकता है| ग्रीन हाउस के प्रभाव से पृथ्वी को बचाने क्ले लिए ग्रीन हाउस गैस को कम कसे कम करना होगा| और यह करने के लिए कई ठोस कदम उह्ताने होगे| जैसे की जीवाश्म ईंधन जलाना कम करना होगा, कृषि, वानिकी, और अन्य भूमि उपयोग [पर नियंत्रण लाना होगा, सीमेंट का उत्पादन के कुछ नए रास्ते या वैकल्पिक मार्ग निकालना होगा, एयरोसोल इत्यादि का उपयोग कम करना होगा|
प (Water vapor), कार्बनडाई ऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide), ओज़ोन, Chlorofluorocarbons, के अलावा लगभग सभो गैस greenhouse effect create नहीं करती|
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